.अई..अई…..अई..मम्मी….” बोलते हुए काफी गर्म गयी। मैं आज सब कुछ आराम से करना चाहता था। वैसे ही घर में सन्नाटा था। इसलिए किसी का भय भी नही था। अब मैं भव्या भाभी के चूत के दाने को चाटने लगा जिससे उनको बहुत जोश चढ़ रहा था।बार बार अपना मुंह खोलकर …..ऊऊऊ ….ऊँ. XXX Hindi आराम से” भाभी बोली.हल्का धक्का देने के बाद मेरा मोटा छल्लेदार सुपारा भीतर घुसा गया और मैंने सेक्स करना शुरू कर दिया। भव्या भाभी “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. ohh yes!!” वो कहने लगी.उनकी आग सी सुलगती सिस्कारियां मुझे और जोश दिला गयी और मैंने भी उनकी रंडियों जैसी ठुकाई शुरू कर दी। अब भव्या भाभी अपना सीना उठाने लगी और मेरे सीने पर बार बार दोनों हाथ लगा रही थी और ओंठो से मेरे सीने को किस कर रही थी।मैंने उसकी ठुकाई जारी रखी और कुछ देर बाद चूत में तेज चौके छक्के मारते मारते झड़ गया। जब नीचे देखा तो भाभी की गुलाबी चूत उपर तक मेरे माल से भर गयी थी। मैंने लौड़ा बाहर निकाला तो मेरा माल बाहर बहने लगा। भव्या भाभी उठ बैठी और रद्दी अखबार फाड़कर अपनी चूत पोछने लगी।“मस्त चुदाई करता है तू!!” भाभी बोली.“आप कहो तो रोज ही करा करूं” मैं बोला.उसके बाद हम दोनों की लेट गये। फिर भाभी कपड़े पहनकर रसोई में चली गयी और काम करने लगी। कुछ दिन बाद
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रात भर देसी आंटी के साथ घर में हिंदी आवाज़ में जंगली सेक्स
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