कुसुम ने खुद अपने साड़ी निकाल दी. XXX Hindi मैं कुसुम जी की चूत का भोग लगाने लगा.६ महीनो से उसकी चूत किसी कारखाने की तरह बंद पड़ी थी. कुसुम जी से दोनों पैर खोल दिए. …मैं मर्द हूँ या नामर्द.. उसको अपनी औरत की तरह खाने लगा. …मैं मर्द हूँ या नामर्द.. कुसुम की छातियाँ बहुत ही बड़ी बड़ी थी.मैंने दावे से कह सकता हूँ की ३८ ४० का साइज़ होगा. मुझे बहुत अच्छा लगा. फिर मैं कुसुम के गाल की बेहद पतली ख़ाल को खीच खींच कर कामुकता से काटते लगा. मेरा तगड़ा लंड देखकर कुसुम जी का दिल मचल गया.‘..आप मुझे बाद में चोद लेना लाइए पहले लंड पिलाइए!!’ कुसुम जी बोली.मेरे लंड को हाथ में लेकर वो खेलने लगी. फिर पेटीकोट निकाल दिया. मैंने भी उसे चूमने लगा. उस जैसी मस्त औरत की चूत का भोग लगाना एक किस्मत वाली बात थी वरना अच्छी मस्त चूतें जल्दी मिलती कहाँ है. ६ महीने में एक बार ही आते है!’ कुसुम बोली. मैंने उसपर लेट के उसकी खूबसूरत आँखों को चूम लिया और लेटे लेटे ही कुसुम जी को लेने लगा. आपको अपनी क्या रामकहानी सुनाऊ. मैंने कमर चला चलाकर कुसुम जी को चोदने लगा.
>
शादी की रात भाभी को कमरे में ले जाकर ज़ोरदार चुदाई की
Related videos














