साविता आंटी के साथ जंगली रात की पहली कहानी

मेरे अन्‍दर की कामाग्नि ने मेरी शर्म को तो शून्‍य कर दिया। इस समय दिल ये था कि अभिषेक पूरे के पूरे मेरी योनि के अन्‍दर घुस जायें… पर वो तो मेरी योनि को ऐसे चाट रहे थे जैसे कोई गर्म आईसक्रीम मिल गई हो…मेरा सारा बदन पसीने पसीने हो गया… उनका लिंग मेरे बार-बार मेरे होठों को छू रहा था पर वो थे कि बस योनि चाटने में ही व्‍यस्‍त थे… पता नहीं कब और कैसे मेरा मुँह अपने आप ही खुल गया… होंठ लिंग को पकड़ने का प्रयास करने लगे। पर वो तो मेरे साथ अठखेलियाँ कर रहा था कभी इधर ‍हिल जाता कभी उधर…मैं तो खुद पूरी तरह उनके कब्‍जे में थी। मैंने अपने हाथ से अभिषेक के लिंग को पकड़ा और अपने होठों के बीच सैट किया… अब मैं भी उनका लिंग आइसक्रीम की तरह चूसने लगी… कुछ ही देर में मेरा बदन अकड़ने लगा। मेरे अन्‍दर का लावा छलक गया मैं स्‍खलित हो गई… और शान्‍त भी अभिषेक का लिंग भी मेरे मुँह से निकल गया।मैं तो जैसे कुछ पल के लिये चेतना विहीन हो गई। कुछ सैकेन्‍ड बाद तेरी चेतना जैसे लौटने लगी तो अभिषेक ने घूमकर मुझसे पूछा, “कैसा लग रहा है?”“बहुत अच्‍छा ! हिंदी XXX अभिषेक ने मेरे दोनों नितम्‍बों को पकड़कर… सीईईईईई… अपनी ओर खींच लिया। इस प्रगाढ़ चुम्‍बन की वजह से मेरी सांस रुकने

साविता आंटी के साथ जंगली रात की पहली कहानी

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