सावित्री आंटी के गंदे कॉमिक्स

भाभी माँ भी बन जायेगी और घर में एक नन्हा मेहमान भी आ जायेगा.इतना मैं सुनते ही अपने देवर को गले से लगा लिया और चूम कर कहा मेरे मन की बात आपने सुन ली देवर जी, मैं आपकी हु आप जो चाहे कर सकते हो पर इस बात का ध्यान रहे की ये बात किसी को बताना नहीं है, उसने कहा नहीं कभी नहीं बताऊंगा.और वो भी मेरे होठ पे किश करने लगा और पीछे से मेरे चूतड़ को कस के दबा के अपने लन्ड के पास ले गया और ऊपर से ही धक्का लगाने लगा, मैंने कहा इतनी भी जल्दी क्या है पूरी रात अपने पास है, निचे मम्मी पापा सो गए है, जो करना है बढ़िया से करो, और वो मेरे ब्लाउज को खोलने लगा फिर ब्रा को खोल दिया.मेरा चूच जैसे ही आज़ाद हुआ वो अपने मुह में लेके चूसने लगा और दबाने लगा मैं उसके बालो को सहलाने लगी और मेरे पुरे बदन पे एक बिजली से दौड़ने लगी, इसके बाद वो मेरी पेटीकोट को खोल दिया और मेरे चूत को चाटने लगा, मैं ये मजा करीब १० मिनट तक ली.मेरा चूत पानी पानी हो गया, वो वो उस पानी को चाटे जा रहा था, मैं सेक्स करने के उतावली होने लगी और मैंने उसको बेड पे धक्का दे दिया और मैंने उसके लुंगी को खोलकर जाँघिया

सावित्री आंटी के गंदे कॉमिक्स

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