ने कहा, “चलो आज रात तो एक जान रुक सकता है लेकिन कल किसी को रुकने की इज़ाज़त नही दूँगी. तुम्हारा तो लंड भी अब वापस से कड़क हो गया है.” श्रृष्टि नीचे पड़ी पड़ी अपनी चुचियों की खाज मिटा रही थी. हिंदी XXX श्रृष्टि के मूह से निकल पड़ा, “उउईइ मा. लंड चूतमे पिस्टन की तरह अंदर बाहर हो रहा था. दैया.” लंड आधा एक ही धक्के मे चूत के अंदर घुस गया. “अफ क्या कयामत है,” ऐसे कहते हुए अपनी जीभ से उसके गुलाबी चूचियो चाटने लगा.श्रृष्टि के मूह से सिसकारी निकल रही थी. क्या जन्नत का मज़ा मिल रहा है.. श्रृष्टि ने देखा की संजय इसी तरह छोड़ता रहा तो पानी उसकी चूत मे ही छ्चोड़ देगा तो अपनी चूत को एकदम से हटा लिया.संजय चिहुनक पड़ा, “यह क्या रानी. उसके होठों के रूस को पीकर वो और मतवाला हो गया.अपनी जीभ को श्रृष्टि की जीभ से टकरा रहा था. जब लंड ज़्यादा ही मचलने लगा तो अपने होठों से संजय के लवदे को अंडरवेर के साथ ही दबा लिया. श्रृष्टि अपने चूतड़ की रागड़ाई चालू रखी थी. संजय अपने हाथो से उसके मुम्मे पकड़ कर सहला रहा था.श्रृष्टि उसकी च्चती पर हाथ रख कर अपनी चूत खुद ही चुड़वा रही थी.
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सौतेली बहन को बिस्तर पर लिटाकर ज़ोरदार चोदाई, हिंदी में गहरी चुदाई का दर्द भरा हिस्सा – 2
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