फिर मैंने उससे सॉरी कहा तो उसने कहा कि उसमें सॉरी कहने की ज़रूरत नहीं है और यह रस पीने के लिए तो में कब से राह देख रही थी.लेकिन मेरे पति तो कमजोर शरीर के कारण मुश्किल से एक दो बार में ही झड़ जाते थे तो मुझे रस पीने को नहीं मिलता था, इसलिए में कल अपनी चूत में अपने उंगली डालकर खुद को चोद रही थी और उंगली चाट रही थी और आज तुमने रस पिलाकर मेरी एक इच्छा पूरी की है.फिर उसने अपना गाऊन बाहर निकाला और वो अब मेरे सामने पूरी नंगी थी, क्या मस्त फिगर था उसका, मस्त गोरी गोरी जांघे थी और चूत के ऊपर उसने मस्त डिज़ाईन में बाल साफ किए थे और उसकी बहुत मस्त चूत थी. हिंदी XXX उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और वो मेरे लंड को देखकर बोली कि तुम्हारा तो बहुत बड़ा है गधे के लंड के बराबर ही है. फिर मैंने हिम्मत करके उससे पूछा कि तुम कल धीरे धीरे चिल्ला क्यों रही थी? सबसे पहले मैंने उसकी गांड अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया.फिर अपनी उँगलियों को डालने लगा, उसकी गांड बहुत टाईट थी, शायद उसके पति ने उसकी गांड कभी नहीं मारी थी और इस बार वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी, आहह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह भावेश मेरी गांड की प्यास बुझा डाल, तीन चार मिनट
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