”“हां अल्का जी अब तो मेरा लंड तृप्त हो गया।”“चलो तो फिर कपड़े पहन लो। बच्चे आने ही वाले है अब।”अब अल्का जी उठी और कपड़े पहनने लग गई। मैं अल्का जी के मस्त नंगे जिस्म को ताड़ रहा था। अल्का जी चड्डी पहनकर ब्रा पहन रही थी। फिर अल्का जी के पेटीकोट पहनकर नाड़ा बांध लिया। तभी मेरे लंड में फिर से करंट दौड़ने लगा।“अल्का जी बहुत सेक्सी लग रही हो।”अल्का जी तारीफ सुन कर मुस्कुरा गई। अब अल्का जी ने ब्लाउज पहन कर साड़ी पहन ली।“अखिलेश जी अब आप भी जल्दी से कपड़े पहन लो।”“हां पहन रहा हूं अल्का जी।”अब अल्का जी कमरे से बाहर चली गई। थोड़ी देर बाद मैंने भी कपड़े पहन लिए। बस कुछ ही देर में बच्चे भी स्कूल से आ चुके थे। अब अल्का जी बच्चों के साथ ऐसे बात कर रही थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो। जबकि थोड़ी देर वो मेरे लंड के साथ खेल रही थी। अब मैं फिर से अल्का जी को बजाने के लिए मचलने लगा। लेकिन अल्का जी अब बच्चों के सामने चुदने के लिए तैयार नही थी।“बहुत ही ज्यादा इच्छा हो रही है अल्का जी।”“नहीं अखिलेश जी। बच्चो के सामने नहीं।”“बच्चों को तो बाहर भेज दो ना।”“नहीं अखिलेश जी।”अल्का जी को फिर से बजाने की मेरी बहुत इच्छा हो रही थी, लेकिन अल्का जी बजने के लिए
>
Bharatiya Kama Sutra
Related videos









