कई समझौते करने होंगे. हिंदी XXX सब इकट्ठे ले नहीं पाओगी” शैलेश ने बोला.“आप ठीक कहते हो” अक्षरा ने बोला.इस परिवार की इस सारी चर्चा पर अक्षरा कि चूत में एक अजीब सी सरसराहट होने लगी . शैलेश ने उसका हाथ अपने हाथ में ले कर वादा दिया.“तो क्या तुम लोगों कि बहनें भी?”“मैंने पहले ही बताया कि मेरा पूरा परिवार एक दुसरे से एकदम खुला हुआ है. शैलेश ने अपना लंड अगले झटके में पूरा अक्षरा कि गुन्दाज़ चूत में पेल दिया. उस शाम अक्षरा मन ही मन ये सोच कर परेशान थी कि जब उस का पति शाम को घर आएगा तो उसका सामना कैसे करेगी. रमाकांत ने अपना लंड अक्षरा के मुंह में दे रहा था.अक्षरा को बड़ा अनद आ रहा था. अक्षरा को ये सब अच्छा भी लग रहा था और अजीब भी. वो उलटा हो कर कुतिया के पोस में हो गयी. वो उसे बाहोँ में भरने लगा, उसे गाल पे चूमने लगा और अपने हाथों से उसके पीठ और पेट का भाग सहलाने लगा.अक्षरा के लिए ये नया अनुभव था. झड़ने के बाद तो छोटा हो कर बाहर निकल आया. उसने सपने में भी कल्पना नहीं की थी कि ये सब इतना आनंद दायक होगा. अक्षरा निहाल हो उठी. सारे कमरे में चूसने कि आवाजें गूँज रहीं थीं. अक्षरा शैलेश के ६ इंच के लौंडें को अपनी जवान
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