चल तू चाची के पास” चाचा बड़े नाराज होकर बोले.मैं चाची के सामने शर्मिंदा नही होना चाहती थी। इसलिए अब चाचा को पटाना जरूरी था। मैंने जल्दी से अपनी कमीज को फिर से उपर उठा दिया और चाचा जी को अपने मस्त मस्त आम दिखा दिए।“चाचा जी!! हूँ… करने लगे। मैं भी चुदासी हो गयी और उनके लौड़े को जल्दी जल्दी हाथ से मुठ देने लगी। मुंह में लेकर चूसने लगी। चाचा पर मस्ती छा गयी। उनकी झांटे तो अब सफ़ेद हो गयी थी और 1 1 इंच लम्बी हो गयी थी। पर मैं जोश के साथ चुस्ती रही। कुछ देर बाद चाचा ने मुझे कुतिया बना दिया और मेरी गांड को जीभ लगाकर चाटने लगे।मुझ पर फिर से सेक्स का जोश चढने लगा। फिर चाचा ने गांड में कुछ देर ऊँगली करके छेद ढीला किया और अपना काला 8” नागराज उसने घुसा दिया। चाचा जी बेड पर खड़े हो गये और हल्का नीचे झुक गये और मेरी गांड चोदने लगे। मैं इस बार भी “उंह उंह उंह हूँ.. हिंदी XXX चल तू चाची के पास” चाचा बड़े नाराज होकर बोले.मैं चाची के सामने शर्मिंदा नही होना चाहती थी। इसलिए अब चाचा को पटाना जरूरी था। मैंने जल्दी से अपनी कमीज को फिर से उपर उठा दिया और चाचा जी को अपने मस्त मस्त आम दिखा दिए।“चाचा जी!! ऊँ… ऊँ… उनहूँ उनहूँ..” बोलने लगी।मेरी
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