कोई जल्दी नही! क्या जमाना आ गया है अपनी मर्जी से मर भी नही सकते? XXX Hindi चिल्लाने लगी। इतने में एक कबाड़ी वाला वहां आया। और उसने मुझे बचा लिया। मैं उसको पहचानती थी। वो हर रविवार, या छुट्टी के दिन मेरे घर के सामने वाली रोड से निकलता था। मैं उसको पहचानती थी।मेमसाब आप ठीक तो हो?? वो बोल दिया।मैं अब जल्दी जल्दी लण्ड चूसने लगी। मेरी मेहनत रंग लाई। कबाड़ीवाले का लण्ड फिर से खड़ा हो गया। मैं उसके लण्ड पर बैठ गयी। मेरा मर्द अनूप तो मुझे कभी इस तरह नही चोदता था। मैंने कभी अपने मरद के लण्ड की सवारी नही की थी। पर आज कुछ नया होने वाला था। जैसे ही मैं लण्ड पर बैठी लगा की सायद लण्ड इतना बड़ा है कि मेरे पेट में ही घुस गया है। मैंने नीचे देखा लण्ड तो बस मेरी चूत में ही घुसा था।सुनो यार! कबाड़ीवाले ने पूछा। उसने मुझे नीचे उतारा।मैं आग बबूला हो गयी। क्यों बचाया मुझे?? आप तो बिलकुल पंजाबी बर्फी हो! मैंने कहा.अब उसका लण्ड जरा शिथिल पड़ गया। मैंने कबाड़ीवाले को बिस्तर पर लिटा दिया। मैं उसपर झुक गयी और उसके काले कलूटे लण्ड को चूसने लगी। अब मै समज गयी की शिवलिंग के रूप में लिंग की पूजा क्यों होती है। क्योंकि लिंग अर्थात लण्ड नही तो कुछ नही।ये जानकर मैं उस भंगी चमार
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