चुदाई करते हुए आंटी को कुत्ते की तरह पीछे से ले रहा हूं

मैंने हल्के से मुस्कुराते हुए उसकी तरफ़ देखा। उफ़्फ़ अल्लाह क्या कहूँ, उसका दूसरा हाथ तो उसकी पैंट पर था और वो लंड को पैंट पर से सहला रहा था।मैं थोड़ा सा शरमा गयी लेकिन फिर हिम्मत करके हल्की सी मुस्कुराहट देकर आँख मार दी और घर पहुँच गयी। जब मैं घर पहुँची तो मेरा शौहर दफ्तर से आ चुका था और टी-वी देखते हुए शराब पी रहा था। मैंने भी बुऱका उतार कर एक पैग बनाया और शौहर के साथ बैठ कर पीने लगी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.चार-पाँच मिनट के बाद शौहर अश्फाक शराब पीते-पीते ही मेरी कमीज़ के ऊपर से मेरे मम्मे दबाने लगा और फिर अपनी लुल्ली बाहर निकाल कर मेरा हाथ उसपे रख दिया। मैं भी एक हाथ से उसे सहलाने लगी तो लुल्ली अकड़ कर करीब चार इंच की हो गयी। फिर हमेशा की तरह उसने मुझे इशारे से उसे चूसने को कहा।मैंने अपना शराब का गिलास खाली किया और झुक कर उसकी लुल्ली अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। एक मिनट भी नहीं हुआ था कि उसकी लुल्ली ने अपना पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया। शौहर अश्फाक हाँफ रहा था लेकिन मैं शायद आज ज्यादा बेचैन थी। मुझे उम्मीद तो नहीं थी पर फिर भी मैंने शौहर की तरफ इल्तज़ा भरी नज़रों से देखा तो उसने मुझे झिड़क

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