नई देसी भारतीय बहू की कठोर कामुक चुदाई

5-7 मिनिट बाद उसकी सिसकारियाँ बहुत तेज हो गयी.“उफ़फ्फ़…. हिंदी XXX मेरा लंड अभी तक मैदान-ए-जंग में वैसा का वैसा ही खड़ा रह गया. 4-5 बड़ी-बड़ी पिचकारी उसके मम्मो पेर बारी-बारी से मारी जिसे उसके दोनो मम्मे मेरे रस से ढक गये और फिर अपने लंड को उसके मम्मो के बीच दबा कर अपना बाकी का रस निकाला. मैने उसकी पीठ पर हाथ रखते हुए अपने सीने से दबा लिया और हम 4-5 मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे.जब काफ़ी देर हो गयी और सनाया भी शांत हो गयी तो मैने सनाया को मेज से नीचे उतार कर उसकी दोनो कोहनी को मेज से लगा कर उसे घोड़ी बना दिया. रंग गोरा और चेहरे से खूबसूरत. बड़ी खीज हो रही थी कि 5-7 मिनट और मिल जाते तो क्या हो जाता? जब सीढ़ी पर कोई नही था तब मैं उपर च्चढ़ गयी.”अब मैं सनाया को अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ते हुए उसके होठों को चूमने लगा. फिर मेरे लंड को मुँह में लिया और लंड को चूसने लगी. हम लोग सुबह से ही टेरेस पर चढ़ जाते है और शाम ढले ही वापस नीचे आते है. वहाँ जा कर बाहर चले जाना. तुम्हारा लंड तो अभी तक झाड़ा ही नही है.”मैने भी धीमे से बोलते हुए कहा, “कोई बात नही. मैं अब उसके मम्मो के एकदम नज़दीक पहुँच चुका था.

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