मेरी शाबाश बेटी!!” दादा जी बोले और मेरा मनोबल बढाया।मैं सारा माल पी गयी।“बेटी कंचन!! हिंदी XXX इसस्स्स्स्स्स्स्स्……. दादा जी!!..फक मी हार्डर!….कमाँन फक मी हार्डर!…फक माई पुसी!!” मैं बडबड़ाने लगी।फिर तो दादा जी भी जोश में आ गये और नीचे से गहरे धक्के मारने लगे। मेरी चूत तो फटी जा रही थी क्यूंकि दादा जी बहुत तेज तेज धक्के मेरी चूत में मार रहे थे। वो मेरे चूत के दाने को जल्दी जल्दी घिस रहे थे।मुझे अजीब सा नशा चढ़ रहा था। मैंने अपने दोनों हाथ उनके सीने पर रख लिए थे और जल्दी जल्दी मैं उनके लौड़े पर उचक रही थी। मैं चुद रही थी। मेरे 34” के बड़े बड़े मम्मे हवा में उछल रहे थे। इसके साथ मेरे भीगे बाल भी हवा में उछल रहे थे।मैं अपने दादा से चुद रही थी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मेरा जिस्म बार बार काँप रहा था। मेरे अंदर सेक्सी और वासना की ज्वाला भड़क चुकी थी। फिर दादा जी ने मेरी कमर को कसके पकड़ लिया और हवा में उछाल उछाल कर मुझे चोदने लगे।जैसे मेरी चूत से टेनिस खेल रहे हो। मेरी चूत बाल का काम कर रही थी और दादा जी का लौकी जैसा लंड रैकेट का काम कर रहा था। फिर दोस्तों एक चमत्कार हुआ। मेरी कमर अपने आप गोल गोल नाचने लगी।मैंने अपने जिस्म को ढीला छोड़ दिया था।
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नेहा भाभी की गर्म चुदाई की कहानी भाग 22 – देखो कैसे हिलाती है ये भाभी अपने सेक्सी अंदाज में
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