हमारा होटल वहां से पांच मिनट की दुरी पर ही था. XXX Hindi अब वो भी सिर्फ ब्रा और पेंटी में और मै सिर्फ अंडरवियर में था. पूरी तरह से चिपचिपी हो गयी थी. मेरी प्यास बुझा दे. सचमुच काफी एक्सपर्ट थी वो. सचमुच काफी एक्सपर्ट थी वो. वो सिसकारी भर रही थी. यही तो लाइफ है.चाची – तुने भी कभी मस्ती की या नहीं इस तरह से सिनेमा हाल में.मैंने कहा – अभी तक तो नहीं की. मुझे उसकी संडास की खुसबू भी अच्छी लग रही थी.मैंने कहा – रवीना , तेरी गांड मै धोऊंगा आज.उसने कहा – ठीक है. और तुझे तो आदत होगी न बचपन से?रवीना हंसने लगी. उसने तुरंत अपने चूत में से मेरी ऊँगली निकाली और अपने साड़ी के पल्लू में अपना माल पोंछ डाला.2 मिनट बाद अचानक बोली – धर्मेश, चलो यहाँ से, अपने होटल के कमरे में.मैंने कहा – क्यों? एक तिल का भी दाग नही था.मैंने उसकी घुंडियों को अपने मुंह में लिया और चूसने लगा. वहां मैंने रवीना को बाथटब में डाल दिया. पहले कभी देखी है ऐसी मस्त फिल्म?चाची – नहीं रे. और वो भी खाली नही थी. मेरा 9 इंच का लंड किसी तोप की भांति चाची के तरफ खडा था.
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नौकरानी ने अपनी साड़ी खोलकर मालिक से गीली चूत मरवाई हिंदी ऑडियो
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