भारत की गर्मी और एलेक्सा ग्रेस एक लंड साझा करती हैं

और फिर आहिस्ते से बोली, “जानते हो, मुझे तुमको यह सब सीखाना अच्छा लगता है. हिंदी XXX मैं ने एक उपाय सोचा. मैं उठकर भाभी के मुँह के पास अपने कड़े लोड को हिलाने लगा, फिर उनके गुलाबी होंठ पर सूपदे को रगड़ने लगा.भाभी अब शरारती अंदाज़ से मुझे देखती हुई, मेरी आँखों मे देखती हुई, पूछि, “हान्न्न….?!!” वो हाथ पीछे करके अपनी एक तकिया (पिल्लो) को अपने सर के नीचे रख लिया, जिस से उनकी गर्दन को कुच्छ आराम मिले. फिर पूचछा, “ठीक हो?”“जी.”“बिल्कुल ठीक?… हनन्न… बिल्कुल?”“हन्णन्न्……बहुत मज़ा आ रहा है, पर अभी झरूँगा नही.”“फिर ठीक है!” वो गहरी साँस लेकर और आँखें मूंद कर अपनी चूत को नीचे मेरे लंड पर दबाकर लेने लगी, बहुत धीरे धीरे, एक बार में आधे इंच से ज़्यादा नही….और धीरे से बोली, “आहिस्ते से….आहिस्ते……महसूस करो कि अंदर कैसा लगता है… क्या होता है!… जैसे मैं तुम्हारे लौड़े को अंदर लेती हूँ… तो महसूस करो कि वो मेरी चूत में किस तरह घिस रहा हैं… बुर उसको किस तरह से लेती है….” वो गहरे साँस लेकर अपने होंठों पर जीभ चलाकर होंठों को गीला किया.“गौर करो….. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.भाभी अपने आपको बिल्कुल ढीली छ्चोड़कर, घुटनों को उसी तरह उठाए हुए, मुझे देख रही थी. वो उपर मेरे सूपदे के टिप तक आई और फिर बुर के बिल्कुल अंदर तक

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