जीतेन्द्र अंकल मेरी माँ को खड़े खड़े ही चोद रहे थे. XXX Hindi जीतेन्द्र अंकल मेरी माँ को किसी देसी छिनाल या रंडी की तरह चोद रहे थे. मेरी भूख गायब हो गयी. पीछे से गपा गप माँ की बुर में लौड़ा दे रहे थे. जब मैंने अपने आस पास देखा तो मुझे माँ कहीं ही दिखाई दी. बेटी तू रोज कहती थी ना तेरा चुदने का मन है. जीतेन्द्र अंकल तो इतने बड़े है. मैं बाहर खड़ा होकर सारे काण्ड देख रहा था. ये कहानी उस समय की है जब मैं कोई १२ साल का रहा हूँगा. मेरे बगल मेरी जवान कड़क माल बहन लेती सो रही थी. ले लम्बा लम्बा खीरा !! मेरा अंकल माँ को मार मार के चोद रहे थे. मैं दरवाजे पर पंहुचा तो कुंडी खुली थी. उसके बाद से ही मेरी जवान २७ वर्षीय माँ मेरे जीतेन्द्र अंकल से फस गयी थी. अगले दिन फिर ऐसा हुआ. कुछ देर बाद जीतेन्द्र अंकल सौम्या की लाल चूत में ही झड गये. अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- जब मैंने गया तो अंकल मेरी कोई आई ऐ एस की पढाई नही कर रहे थे. मैंने तो कभी सोचा भी नही था की खड़े खड़े भी कोई मर्द किसी औरत को भांज सकता है. आपसे चुदकर मेरा जीवन धन्य हो गया.
>
भारतीय कामुकता का अश्लील रोमांच
Related videos














