भारतीय देसी कविता का यौन आनंद

बां!! हिंदी XXX ये क्या, लगता है भाभी की भैंस गरम हो गयी है। आज भैया घर में नहीं थे। मैं क्या करुं.मैंने बाहर देखा तो भाभी भैंस को मार रही थीं, डंडे डंडे, साली, गंवार, छिनाल रोज भैंसे से चोदवाती है पर फिर भी गरम ही रहती है। मैं क्या कहूं परेशान हो गयी हूं आज तो इसके भैया भी नहीं हैं यहां पर। मैने खंखारा, आं हां खार्र खर्र! ये क्या, लगता है भाभी की भैंस गरम हो गयी है। आज भैया घर में नहीं थे। मैं क्या करुं.मैंने बाहर देखा तो भाभी भैंस को मार रही थीं, डंडे डंडे, साली, गंवार, छिनाल रोज भैंसे से चोदवाती है पर फिर भी गरम ही रहती है। मैं क्या कहूं परेशान हो गयी हूं आज तो इसके भैया भी नहीं हैं यहां पर। मैने खंखारा, आं हां खार्र खर्र! गांड मारोगे, कहीं टट्टी लग गयी तो?मैने कहा ऐसा कुछ नहीं होना आपको यकीन करना होगा। भाभी ने अपना साया उठा के अपनी फूली हुई गांड मेरे सामने कर के कहा देखो इसमें कहीं है गुंजाईश चोदने की। मैने कहा कि ये तो वो गांड है जिसके आगे सांड का लंड भी पानी मांगेगा।भाभी बकरी की स्टाइल में चार पैरों पर हो गयीं थीं और मैंने उनकी गांड के छेद पर थूकना शुरु कर दिया था। थूक से गांड की मालिश कर रहा था जिससे

भारतीय देसी कविता का यौन आनंद

Actors: ksalve / Skadam

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