भारतीय भाभी का कामुक त्रिगाम समूह सेक्स

मैंने भी कुछ नहीं कहा. हिंदी XXX काफ़ी देर चली ज़ोरदार चुदाई के बाद हम झड़ कर अलग हो गए और कुछ देर यूं ही आँखें मूंद कर सो से गए. यह कहानी उस समय की है, जब मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ता था, उस वक़्त मैं हॉस्टल में रहा करता था. इसके बाद तो जब भी हम दोनों को मौका मिलता था, हम सेक्स करते थे. तभी मेरे दोस्त भी आ गए और हम कोचिंग पढ़ने चले गए..पर मेरे दिमाग़ में केवल जैस्मिन चढ़ी हुई थी. तो उसने अपने होंठ आगे कर दिए. मैं कबसे तुमसे चुदने के लिए तड़प रही थी.मैंने उसे उस दिन दो बार और चोदा. अब मेरा साढ़े छह इंच का लंड एकदम तैयार था. लेकिन तभी मैंने सोचा कि किसी दूसरे का मज़ा क्यूँ खराब करूँ तो इसीलिए मैं वापिस से नीचे आ गया. उसकी चूत पर लंड रखा. उसका 34-30-32 का फिगर मेरे लंड में हलचल पैदा कर रहा था, मुझे बार बार यही ख़याल आ रहा था कि वह अपनी चूचियाँ और गांड हिलाते हुए कैसे चुद रही होगी. लेकिन मुझसे दूर नहीं हुई. तो उसने अपने होंठ आगे कर दिए. अब वह लखनऊ में रहती है, जब कभी वह वाराणसी आती है, हम खूब मस्ती करते हैं. उसने हल्का सा चिल्लाया और दांतों से मेरे कंधे पर काट लिया.

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