तो उसने बड़ी खुशी से अपना सर हिलाया। मैं फिर से कुर्सी पर बैठ गया और अब वो मेरे सामने नीचे फर्श पर बैठ गया और मेरी दोनों नंगी नंगी जांघों से अपने हाथों से सहलाने लगा।मैंने उसे पूछा- क्यों बे गाँडू, गांड मरवाएगा? हिंदी XXX वो बोली- जी, बहुत हसीन है। मैंने कहा- अजी हसीन तो आपके पहनने से हो गया। फिटिंग तो ठीक आई न? उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान थी जो मुझे एक तरह से एक आमंत्रण सा लगा।मैंने कहा- कुछ नहीं देख रहा था, खा खा के बहुत पिछवाड़ा भारी किया है। वो बोला- अब खाते पीते घर का हूँ। मुझे उसकी बात बहुत अच्छी लगी, मैंने कहा- ज़्यादा मोटा मत कर लेना, वरना लोग गलत समझेंगे। वो बोला- तो क्या हुआ जिसको जो समझना है, समझे, मुझे क्या! वो बोली- नहीं बहुत है, मगर जैसे यह एक राउंड था, मुझे तो ऐसे बहुत से राउंड चाहियें। मैंने कहा- चिंता मत करो, जानेमन, सारी रात इसी तरह पेल सकता हूँ मैं। वो बोली- तो ठीक है, अब हम फिर किसी रात को ही मिलेंगे, और उस दिन मैं अपनी सुहागरात तुम्हारे साथ मनाऊँगी।मैं भी खुश हो गया। उसके बाद मैं वापिस अपने घर आ गया क्योंकि ट्यूशन का टाइम खत्म हो चुका था। आज 2 महीने हो गए, अब तो बीवी भी बोलने लगी है कि मैं उसकी
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