ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.मैंने भैया को कसकरर पकड़ लिया उन्हें हिलने भी नहीं दिया मैं छटपटा रही थी जैसे कोई बकरी किसी सांड के नीचे दबी हो भैया कुछ देर वैसे ही पड़े रहे मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी मुझे थोड़ी सी राहत मिली मेरे रिलैक्स होते ही भैय्या ने मेरी चूत मारना शुरू कर दिया मुझे मजा आने लगा.मैं किलकारियां मारते हुए झड़ने लगी हम दोनों पसीने पसीने हो गये पर तो भैया रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे लगभग 70-75 धक्के लगाने के बाद सारा वीर्य मेरी चूत में डाल दिया फिर मेरे ऊपर लेट गये घड़ी में 7बज चुके थे भैया मेरे ऊपर से हट ही नहीं रहें थे मैं बोली भैया आप बहुत थक गए हो उतरो मैं आपके लिए दूध गर्म करके लाती हूं.मैं किचन में जाकर दूध गर्म करके दो गिलास में डाल कर ले आई एक गिलास भैया को दिया और खुद भी पिया, दूध पीकर भैया बोले जानू मुझे और दूध पीना है मैं बोली भैया अब थोड़ी देर बाद जब दूधिया दे जायेगा तब दूंगी। भैया ज़िद करने लगे फिर बोले शोना मुझे चार थन वाली गाय का नहीं दो थन वाली बछिया का दूधु पीना है.तो मैं शर्मा गई और बोली भैया प्लीज़ आप मुझसे ऐसे न कहें मुझे बहुत शरम आ
>
यह गर्म चूत मेरी हुई और मेरे लंड के नीचे कराह उठी मीठी आवाज़ में
Related videos














