बैठने का तो मन है पर कैसे बैठूं आपको सुबह जिम जाना पडेगा देर हो जाएगी। तो वो बोला अरे नहीं नहीं कल तो जिम वीकली ऑफ है। आप आराम से बैठ सकते हो। तो मैं बोली फिर क्या फायदा अगर आराम से बैठूं तो?तो बोला अरे मुझे बोलने नहीं आता है। आप जैसे चाहो वैसे रहो मुझे क्या तो मैं बोली सच में? हिंदी XXX क्यों की कैसे उसे पटाती ये सोच कर मैंने हमारी वासना डॉट नेट पर कुछ कहानियां पढ़ी ताकि कोई आईडिया मिले और मिल भी गया। एक रात करीब दस बजे मैं उसके कमरे में गई उसका कमरा ऊपर के फ्लोर पर था।मैं सब्जी देने के बहाने गई और पहन रखी थी नाइटी जो की सिल्क की थी हलकी थी बिना बांह की, अंदर मैं ब्रा नहीं पहनी निचे पेंटी भी नहीं। अब मेरे अंग नाइटी के ऊपर से दिख रहे थे। मेरी चूचियां कितनी बड़ी है निप्पल कैसा है आप ऐसे ही फील कर सकते थे।जब चलती थी तो गांड मटकती थी और बिच में नाइटी गांड से सटती और चूचियां हिलती तो और भी सेक्सी लगती। दोस्तों जैसे ही उसने मुझे देखा उसकी आँखे मेरे बूब्स पर अटक गई मुँह खुला का खुला रह गया। ऊपर से निचे तक देखा वो तो पागल हो गया उठकर खड़ा हो गया।वो बोला भाभी आप तो मैं बोली बस सब्जी
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भारतीय कॉलेज की अंग्रेजी अध्यापिका का कड़वा मीठा सेक्स
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