मै अपने कमरे में बैठी पढ़ रही थी। पढते हुए मेरे मन में सर का ख्याल आ गया मैं उनके बारे में सोचकर अपने चूत को हलके हाथ से मसलने लगी। थोड़ी देर बाद मेरा जोश बढ़ने लगा और मैंने अपने कमरे का दरवाज़ा बंद कर लिया और अपने लोवर को निकाल दिया।लोअर को निकालने के बाद मैंने अपने उंगलियों से अपने चूत को पिंक पैंटी के ऊपर से, मसलने लगी। मेरे अंदर कि जिस्म की ज्वाला जलने लगी थी। मै बकाबू होने लगी थी, मैंने अपनी पैंटी को उतार दिया और अपने उंगलियों को अपनी नाजुक सी बुर में डालने लगी।मुझे थोडा कम मजा आ रहा था, तो मैंने अपने बैग से मार्कर निकाला और उसको अपनी चूत में जल्दी जल्दी डालने लगी। मेरी रफ़्तार धीरे धीरे बढ़ रही थी और मै …आह आह अह्हह्ह हह उह उह हुह….. हिंदी XXX ‘सी सी ..सी……… उह ….उह ….उह ….आहा हा ह हा हा अहह अहह .अह्ह्ह…..”. मै अपने कमरे में बैठी पढ़ रही थी। पढते हुए मेरे मन में सर का ख्याल आ गया मैं उनके बारे में सोचकर अपने चूत को हलके हाथ से मसलने लगी। थोड़ी देर बाद मेरा जोश बढ़ने लगा और मैंने अपने कमरे का दरवाज़ा बंद कर लिया और अपने लोवर को निकाल दिया।लोअर को निकालने के बाद मैंने अपने उंगलियों से अपने चूत को पिंक पैंटी के ऊपर
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भारतीय यौन फिल्म – 2 कामुक किशोरों का मजेदार समय
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