Bharatiya Gandi Chudai

आज मैं तेरी बुर लेके रहूँगा!!” मैंने बहुत सख्ती से कहा।वो कुछ नही बोली। उसकी चुप्पी में उसकी हाँ छुपी हुई थी। वैसे ही हिन्दुस्तान की लड़कियां कभी अपने मुँह से नही कहती है की मुझे चोदो। इसलिए मेरी कामवाली की लडकी रमा भी नही बोली कुछ। मैंने उसकी सलवार निकाल दी। फिर उसकी मेहरून रंग की चड्ढी मैंने निकाल दी।रमा का चेहरा और भी जादा लाल और सुर्ख हो गया। मुझे उसकी चूत के दर्शन हो गये। रमा जितनी जादा गोरी थी उसकी चूत उससे भी अधिक सफ़ेद और उजली थी। मैंने ऊँगली से चेक किया। वो अनचुदी माल थी। मैंने उसकी कमीज नही निकाली क्यूंकि उसकी मम्मी कभी भी उसको ढूढ़ते हुए मेरे कमरे तक आ सकती थी।रमा जाने क्यूँ मुझसे नजरे नही मिला पा रही थी। क्यूंकि इस तरह एक गैर मर्द से चुदना सायद उसे सही ना लग रहा हो। मैंने उसके सिर और माथे को चूम लिया। उसपर लेट कर मैं मैंने उसके होठ फिर से पीने लगा। उसकी कमीज बहुत कसी हुई थी।इसलिए मैं चाहकर भी उसके दूध बाहर ना निकाल पाया। मुझे तो आज उसके दूध नही उसकी चूत मारनी थी। मैंने कुछ देर तक अपनी कामवाली आंटी की लड़की रमा के होठ पीता रहा और उसके दूध कमीज के उपर से दबाता रहा। फिर मैंने उसके पतले पेट को चूमने लगा।फिर उसकी नाभि से

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