करीब पन्द्रह मिनट तक में दीदी का बुर का स्वाद लेता रहा।अचानक दीदी ज़ोर से आँख बंद कर के कराही और उन के बुर से माल निकल कर उनके बुर के दरार होते हुए गांड की दरार की और चल दिए. XXX Hindi मै उनकी चूची को देख देख के मस्त हुआ जा रहा था. चुचियों का जी भर के रसोस्वदन के बाद अब बारी थी उन के महान बुर के दर्शन का. जरा देखूं तो कितना बड़ा है मेरे भाई का लंड.ये कहते हुए उसने मेरा अंडरवियर को नीचे सरका दिया. मेरा सात इंच का लहलहाता हुआ लंड मेरी दीदी की हाथ में आ गया. बुर का रंग एकदम सोने के तरह था।उनके बुर को हाथ से फाड़ कर देखा तो अन्दर लाल लाल तरबूज की तरह नज़ारा दिखा। कही से भी शुरू करूं तो बिना सब जगह हाथ मारे उपाय नही दिखा। सोचा ऊपर से ही शुरू किया जाए। मैंने सबसे पहले उनके रसीले लाल ओठों को अपने ओठों में भर लिया, जी भर के चूमा।इस दौरान मेरे हाथ दीदी के चुचियों से खेलने लगे। दीदी ने भी मेरा किस का पूरा जवाब दिया. काफ़ी बड़ी और सख्त चूचियां थी. तीस पैंतीस धक्के के बाद तो उनका बुर पूरी तरह से फैल गया। अब उनको आनंद आने लगा था। अब वो मेरे चुतद पर हाथ रख के मेरे धक्के को और भी
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Biwi Ka Doodh Chus Ke Dost Ban Gaya Pagal Hindi Audio
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