चल उल्टा लेट जा।”प्रशांत जल्दी से उल्टा लेट गया और मैं उसकी पीठ को सहलाने लगा। मेरा मन फ़िल्म देख देख कर कुछ करने को होने लगा था। मैंने उसकी लुंगी ढीली कर दी और उसे नीचे सरका दी। उसकी चिकनी गाण्ड मेरे सामने आ गई थी। मैंने उसकी दोनों टांगें खोल दी और उसके चूतड़ों को दबाने लगा।मेरा लण्ड उसकी गाण्ड देख देख कर बेकाबू होने लगा था। मैंने उसकी गाण्ड की दरार पर अंगुली ऊपर नीचे रगड़ी। उसे बहुत आनन्द आने लगा था। उसकी गाण्ड का सिकुड़ा हुआ छेद और उस पर झुर्रियां. XXX Hindi कि वाकई किताब फ़न्ने खां थी।“अरे मजा आया कि नहीं. बहुत अकड़ा हुआ है।”“तेरा ज्यादा कड़क लग रहा है, जरा देखूँ तो.”“अरे रे. इस बारे में कोई नहीं जानता था. मेरा नाम अखिलेश चौबे है। मुझे कॉलेज में किसी ऐसे विषय में एडमिशन लेना था जिसमें जल्दी नौकरी मिल सके। मुझे किसी ने होटल मेनेजमेन्ट में दाखिला लेने की सलाह दी। मैंने इस हेतु कुछ लोगों की राय भी ली। किसी ने कहा- भैया जी, मत जाना इस लाइन में, बहुत कठिन है, यह ठीक है कि नौकरी तो तुम्हें पढ़ाई पूरी करने से पहले ही मिल जायेगी, वो भी फ़ाईव स्टार होटल में.
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