कैसा लगा मेरी बुर का रस???” माँ पूछने लगी.“बहुत टेस्टी है भाभी” अजय चाचा बोले.इस तरह उन्होंने 10 मिनट से अधिक देर तक माँ की चूत में ऊँगली की।““उ उ उ उ उ……अअअअअ अब मुझे अपने असली लौड़े से चोदकर मजा दो देवर जी” माँ कहने लगी.चाचा भी पुरे जोश में आ गये थे। वो अपना 6” लम्बा और 2” मोटा लंड हाथ में लेकर हिलाने लगे। उसे खड़ा करने लगे। उसे मुठ देते रहे और कुछ सेकंड में लौड़ा सांड जैसा दिख रहा था। वो माँ की चूत पर अपना सुपाडा रखे और रगड़ना चालु कर दिए।चूत के दाने को लंड के टोपे से रगड़ने लगे। माँ इधर उधर उछलती रही। फिर रगड़ रगड़ कर चूत के दाने को गर्म कर दिए। फिर माँ की बुर में उपर से थूक दिए। फिर लंड को पकड़े और अंदर को धकेल दिये। एक जोर का धक्का मारे और चाचा का लंड चूत की बंद दिवार को भेदता फाड़ता हुआ अंदर घुस गया।“आऊ……. आपकी बुर तो बिलकुल साफ़ है!! हिंदी XXX सर्दी में तुमको गर्म रखेगी!” मेरे चाचा बोले.उन्होंने माँ के मुंह में रम की बोतल लगा दी और 2 3 घूंट पिला दिया। फिर उनकी बड़ी बड़ी चूचियां मसलने लगा। धीरे धीरे माँ के ब्लाउस को खोलकर निकाल दिया। दोनों हाथो से माँ को पीछे से पकड़ लिया और गालो, गले पर किस करने लगे। फिर दोनों
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